वॉशिंग मशीन में भरी थी नोटों की गड्डियां

छापेमारी में बरामद किए 2.54 करोड़ रुपये
ई़डी ने अपनी जांच में पाया कि सिंगापुर की मैसर्स गैलेक्सी शिपिंग एंड लॉजिस्टिक्स प्राइवेट लिमिटेड, और होराइजन शिपिंग एंड लॉजिस्टिक्स प्राइवेट लिमिटेड को 1800 करोड़ रुपये की संदिग्ध राशि भेजी गई. इसके बाद कई कंपनियों के परिसरों पर छापेमारी की गई. ईडी की टीम ने इन कंपनियों से जुड़े 47 बैंक खाते भी सीज कर दिए हैं.
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को बड़ी कामयाबी हाथ लगी है. ईडी ने विश्वसनीय जानकारी मिली थी कि कुछ संस्थाएं बड़े पैमाने पर भारत के बाहर विदेशी मुद्रा भेजने में शामिल हैं. इसके आधार पर मामले की जांच शुरू करते हुए कुछ कंपनियों पर विभाग की टीम ने छापेमारी की. तलाशी के दौरान 2.54 करोड़ रुपये जब्त किए गए हैं, जिसमें से कुल रकम का एक बड़ा हिस्सा वॉशिंग मशीन में छिपाया गया था.

छापेमारी की ये कार्रवाई दिल्ली, हैदराबाद, मुंबई, कुरूक्षेत्र और कोलकाता में की गई. ईडी की टीम ने मेसर्स कैप्रिकोर्नियन शिपिंग एंड लॉजिस्टिक्स प्राइवेट लिमिटेड और इसके निदेशक विजय कुमार शुक्ला और संजय गोस्वामी के यहां फेमा, 1999 के प्रावधानों के तहत तलाशी ली.

इसके साथ ही उनसे संबंधित संस्थाओं मेसर्स लक्ष्मीटन मैरीटाइम, मैसर्स हिंदुस्तान इंटरनेशनल, मैसर्स. राजनंदिनी मेटल्स लिमिटेड, मैसर्स स्टवार्ट अलॉयज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, मैसर्स भाग्यनगर लिमिटेड, मैसर्स विनायक स्टील्स लिमिटेड, मैसर्स वशिष्ठ कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड और उनके निदेशक-साझेदार संदीप गर्ग, विनोद केडिया के यहां तलाशी ली गई.
सिंगापुर भेजी 1800 करोड़ रुपये की संदिग्ध रकम

ई़डी ने अपनी जांच में पाया कि सिंगापुर की मैसर्स गैलेक्सी शिपिंग एंड लॉजिस्टिक्स प्राइवेट लिमिटेड और होराइजन शिपिंग एंड लॉजिस्टिक्स प्राइवेट लिमिटेड को 1800 करोड़ रुपये की संदिग्ध राशि भेजी गई. इन दोनों विदेशी संस्थाओं का प्रबंधन एंथनी डी सिल्वा द्वारा किया जाता है.

मुख्य संपादक राहुल गौतम

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